Friday, September 28, 2018

दिल तो बच्चा है

दिल तो सच्चा है
इसे सच्चा ही रहने दो
दिल तो बच्चा है
इसे बच्चा ही रहने दो
खिलखिलाने दो मुस्कराने दो
उठाने दो जिंदगी का आनंद
मिली हैं सांसे हमको चंद
न करो पिंजरे में इसे बंद
पक्षियों की तरह उड़ने दो
चहकने दो चहचहाने दो
जीवन का आनंद उठाने दो
रहने दो इसे निर्विकार
बहने दो इसमें रसधार
रहे सबके लिए इसमें प्यार
करे सबका ये उपकार
बने सच्चा वो इंसान
जिसमें बचपन है विद्यमान
न करे खुद पर वो अभिमान
करे मानवता का कल्याण
देकर दूसरों को आनंद
वो खुद पाएगा परमानंद

अभिलाषा चौहान

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