न डरना न हारना न भागना कभी
रहता सदा सुरक्षित मेरा देश है तभी
सीमा पर चलती गोली
शत्रु की हो बंद बोली
खेलें वे खून की होली
सीने पर खाते गोली
विजय श्री मिलती है देश को तभी
न रूकना न थमना न हारना कभी
शत्रु के छुड़ाए छक्के
हैं इरादों के वे पक्के
दुश्मन के घर में घुसके
होश उड़ाए जो उसके
पाई थी विजय उन्होंने लक्ष्य पर तभी
लहराता है तिरंगा बड़े शान से तभी
मेरे देश की है सेना
उसका क्या कहना
झुकने कभी न देती
मातृभूमि का शीश है ना
बन राह का रोड़ा शत्रु की राह में खड़ी
देख उसका हौंसला शत्रु की नींद है उडी
अभिलाषा चौहान (स्वरचित)
रहता सदा सुरक्षित मेरा देश है तभी
सीमा पर चलती गोली
शत्रु की हो बंद बोली
खेलें वे खून की होली
सीने पर खाते गोली
विजय श्री मिलती है देश को तभी
न रूकना न थमना न हारना कभी
शत्रु के छुड़ाए छक्के
हैं इरादों के वे पक्के
दुश्मन के घर में घुसके
होश उड़ाए जो उसके
पाई थी विजय उन्होंने लक्ष्य पर तभी
लहराता है तिरंगा बड़े शान से तभी
मेरे देश की है सेना
उसका क्या कहना
झुकने कभी न देती
मातृभूमि का शीश है ना
बन राह का रोड़ा शत्रु की राह में खड़ी
देख उसका हौंसला शत्रु की नींद है उडी
अभिलाषा चौहान (स्वरचित)
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